गिलोय के औषधीय गुण जानकर डॉक्टर भी हैरान : Benefits of Giloy in Hindi

गिलोय खाने के आयुर्वेदिक उपचार ( Giloy khane ke Aayurvedik Upchar ) :- आज के इस कोरोना काल के चलते हर व्यक्ति को बोडी से फिट रहना बहुत जरुरी है और बोडी को फिट रखने के लिय हमारे शरीर की इम्युनिटी और रोगप्रति रोधक क्षमता की शक्ति काफी स्ट्रोंग होना बहुत जरुरी है अभी कोरोना के चलते डॉक्टर्स कहते है की यह बीमारी अक्सर उन लोगों को जल्दी होती है जिनका इम्युनिटी पावर कमजोर है वही लोग इस बीमारी की चपेट में जल्दी आते है और गिलोय ही एक ऐसा जड़ी बूटी रामबाण उपाय है जिसके उपयोग से आपकी इम्युनिटी सिस्टम को काफी स्ट्रोंग बना सकते है गिलोय आपकी इम्युनिटी ही नहीं और भी बहुत सी बिमारियों के लिय फायदेमंद है |

गिलोय खाने के आयुर्वेदिक उपचार
गिलोय खाने के आयुर्वेदिक उपचार

Table of Contents

( giloy ) गिलोय खाने के आयुर्वेदिक उपचार

Giloy Benefits and Uses in hindi | गिलोय के फायदे | Giloy Ke Fayde | giloy juice ke fayde | गिलोय के औषधीय गुण | गिलोय खाने के आयुर्वेदिक उपचार | Giloy khane ke Aayurvedik Upchar | Giloy ke Aayurvedik Ilaj | giloy khane ke benefit |

( गिलोय खाने के आयुर्वेदिक उपचार ) :- गिलोय हमारे उच्च रक्त चाप को कण्ट्रोल करने तथा थायराइड , डायबिटीज आदि बीमारियों को बड़ी आसानी से दूर करने में भी कामगार है वैसे गिलोय खाने में थोड़ी कडवी होती है लेकिन इसके खाने की विधि जिस प्रकार हम आपको बताने वाले है उसी तरीके को आजमाकर अगर आप इसका सेवन करेंगे तो खाने में बिलकुल कडवी नही लगेगी और फायदा भी अत्यधिक करेगी

Ayurvedic Treatment of Giloy in Hindi

आज के इस आर्टिकल में हम आपको गिलोय के इतने फायदे बताएँगे की आप जानकार हेरान हो जाएँगे और यह सभी जानकारी फ्रेंड्स हर इन्सान को होना भी चाहिय क्योकि बीमारियाँ कब हो जाती है इस बात का पता नही चलता है लेकिन इन बिमारियों के इलाज से बारे में भी थोडा ध्यान हो तो इन बीमारियों को आप तुरंत ठीक कर सकते है तो चलिय फ्रेंड्स जानते है गिलोय के बारे में की यह कहाँ पर मिलती है , और कैसी होती है , किस प्रकार इसका सेवन करना चाहिय , और कितनी मात्रा में उपयोग करे इस प्रकार के तमाम सवालों के जवाब आपको आज के इस आर्टिकल में मिलने वाले है |

गिलोय क्या होती है | What is Giloy in Hindi

गिलोय एक आयुर्वेदिक ओषधिय जड़ी बूटी है जिसे इंग्लिश में टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया ( Tinospora Cardifolia ) कहते है इसके पत्ते पान के पत्तों के सामान दिखाई देते है पराने ज़माने में इस जड़ी बूटी को कई नामो से पुकारते थे जिनमे से कुछ नाम इस प्रकार है – यथा अमृता , गुडूची , चक्रांगी आदि नामो से पुकारते थे यह आयुर्वेदिक ओषधि हमारे देश में अक्सर जंगलो में लता के सामान , खेत खलियानों की मेड़ो पर , पहाड़ी इलाको में देखने को मिलती है इसे भारत में आयुर्वेद संजीवनी बूटी के नाम से भी पुकारते है |

Giloy Benefits and Uses in hindi

इसमें बहुत से प्रकार के ओषधिय गुणों से भरपूर होती है यह खरबूजे की बेल के सामान होती है और इसकी जेड बहुत लम्बी अंगुली के सामान मोटी होती है इसकी पहचान करने में पान के पत्ते सामान ही इसके पत्ते होते है बस फरक इतना है की इसके पत्ते बहुत पतले गहरे रंग के होते है इस बेल या गिलोय के फल मटर के सामान आकार में होते है और यह फल जब पाक जाए तब इनका रंग ब्लड के सामान दिखाई पड़ते है इसकी जड़ो का रंग धूसर भूरे रंग की होती है |

अगर फ्रेंड्स आपको इसकी पहचान करने में काफी परेशानी होती है तो में आपको एक साधारण तरीका बताता हूँ की आप एक कटोरी में एक चमच इसका क्वाथ डाललेना है और इसमें आप आयोडीन का घोल डाले घोल डालने के बाद इसका रंग अगर आपको गहरा नीला दिखाई पड़े तो यह गिलोय वास्तव में ओरिजनल है इसमें मिलावट नही है |

गिलोय के फायदे | Giloy Ke Fayde

इसका उपयोग हमारी सेहत को बनाए रखने में बहुत ही फायदेमंद होती है इसके ओषधिय गुण हमारे शरीर को अनेको प्रकार के रोगों के बचाव में लाभदायक होते है गिलोय हमारी बोडी में रोगों से लड़ने की शक्ति में वृद्धि करती है इसके बेमिसाल फायदे हमारे शरीर की इम्युनिटी एवं रोग प्रति रोश्क क्षमता को बढाने में काफी कारगर होती है इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का इस्तेमाल बस आप सिमित मात्रा में ही करे ताकि इसके नुकसान बोडी को प्रभावित न करे वैसे इसके कोई खास नुकसान तो नही है मगर आपकी स्किन इन्फेक्शन जैसे त्वचा पर लाल काले घेरे एवं फुन्सिया होना एलर्जी आदि हो सकते है मगर आप निचे बताई गई मात्रा के अनुसार उपयोग करते है तो आपको बिलकुल ही नुकसानदायक नही होगी तो चलिय फ्रेंड्स अब हम जानते है की गिलोय किन-किन रोगों के उपचार में भी लाभदायक होती है |

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1 . गिलोय के उपयोग ज्वर के इलाज में फायदेमंद है

गिलोय के आयुर्वेदिक ओषधिय गुण उखर से पीड़ित व्यक्ति के लिय रामबन ओषधि है यह हमारी सेहत के लिय एंटी ओक्सिडेंट तथा एंटी बेक्टिरियल की तरह करती है इसमें मिनरल्स की भरपूरता होती है जोकि पुरानी बुखार से पीड़ित मरीज को देने पर बिलुकल आराम मिलता है और साथ में डेंगू बुखार के इलाज में भी गिलोय जड़ी बूटी का इस्तेमाल कर सकते है यह बुखार को जड़ से बाहर निकालने तथा खून में संक्रमण को मारने में भी काफी सहायता करती है इसलिय रोजाना सुबह श्याम एक गिलास पानी के अंदर गिलोय ghanvati का चूर्ण पानी में डालकर उसे उबाले और 4 पत्तिय तुलसी की डालकर खाने या पिने से बुल्कुल आराम मिलता है |

गिलोय खाने के आयुर्वेदिक उपचार

2 . आँखों की रोशनी बढ़ने में गिलोय के लाभ | giloy ke fayde

यदि फ्रेंड्स आप आँखों की रोशनी कम है या छोटे महीन अक्षर देखने या दूर की वास्तु कम दिखाई देती है तो आप गिलोय ghanvati का इस्तेमाल करे यह आपकी आँखों को सवस्थ बनाने में काफी लाभदायक है इसमें विटामिन a तथा विटामिन d की प्रचुरता होती है जिसका कार्य है आँखों की सुरक्षा करना है यह गिलोय आँखों की रोशनी के आलावा जैसे मोतियाबिंद , आँखों में जलन , खुजली जैसी समस्या को दूर करने में भी बहुत फायदेमंद होती है गिलोय में इतने औषधीय गुण होते है जोकि हर प्रकार हमारी सेहत के लिय कारगर है |

3 . गिलोय के बेनिफिट कानो की बीमारी दूर करता है | giloy juice ke fayde

जब आपको कानो से समन्धित कोई भी समस्या जैसे कान दर्द होना , कान में खुजली आना , या फिर कानो की सफाई करनी है तो आप गिलोय की दो बुँदे काफी है यह आपके कानो की प्रोबलम को राहत पहुँचाने में बहुत ही लाभदायक होती है इसमें जो एंटी बेक्टिरियल के औषधीय गुण होते है जोकि कानो में जो बेक्टिरियल या फंगस है उनको मारने में सहायता करती है वैसे तो गिलोय खाने के आयुर्वेदिक उपचार के साथ साथ कुछ नुकसान भी होते है अगर आप रोजाना हर बार कानो को साफ करते है इसलिय आप कम से कम एक महीने के अन्तराल पर ही अपने कानो की सफाई करे इसका उपयोग आप चार बुंग पानी के अंदर गिलोय घंव्ती की जड़ो को घिसकर इस पानी को हल्का गर्म कर लेना है और उसके बाद अपने कानो में डालना है |

4 . गिलोय के सेवन से टीबी रोग का उपचार होता है

गिलोय के औषधीय गुण आपकी टीबी जैसी खतरनाक बीमारी को बड़ी आसानी से दूर करने में मदद करती है इसलिय आप गिलोय का काढ़ा बनाकर नियमित रूप से अगले 15 से 20 दिनों तक इस्तेमाल करने में छाती में जो बलगम जमा हो जाता है उन फेफड़ो को स्वस्थ बनाने में गिलोय घंव्ती काफी असरदार है गिलोय आयुर्वेद में बहुत सी ओषधियो के निर्माण के उपयोग की जाती है आप गिलोय का काढ़ा अगर यक्षमा या टीबी बीमारी को ठीक करना चाहते है तो आप इस काढ़े में कुछ मात्रा शतावरी , अश्व्ग्नधा , तुलसी आदि को भी मिलाना है यह सभी गर्म प्रकृति की जड़ी बूटिया हमारी बोडी के अंदर रोग प्रतिरोश्क क्षमता को बढ़ने तथा इम्युनिटी सिस्टम को स्ट्रोंग बनाने में सहायक होती है |

5 . रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में गिलोय के लाभ

गिलोय एक जंगली जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल आज से 100 वर्ष पहले से किया जा रहा था रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में इसके इतने फायदे है की आप कभी भी बीमार नही हो सकते है आप गिलोय को नियमित रूप से सही मात्रा में उपयोग करते है तो यह संजीवनी की तरह सेहत पर कार्य करती है इसमें विटामिन्स , मिनरल्स , प्रोटीन , जिंक , आयरन , मैग्नीशियम , केल्शियम के इतने औषधीय गुण होते है जोकि आपकी बोडी में जितने भी प्रकार के रोग उत्पन्न होते है उन सभी को बड़ी आसानी से बाहर निकालने या मरने में आपकी मदद करती है इससे बोडी की क्रियाशीलता में काफी ज्यादा फायदा होता है और एक हेल्दी बोडी के निर्माण में गिलोय के बहुत बेनिफिट है यह हमारे शरीर में इतना फायदा करती है जैसे एक छोटे बच्चे को उसकी माँ का दूध करता है |

6 . उल्टी को रोकने में गिलोय के लाभ क्या है

गिलोय एंटी ओक्सिडेंट तथा एंटी बेसितिरियल के गुणों की तरह कार्य करती है इसमें मैग्नीशियम फास्फेट , केल्शियम एवं मिनरल्स के गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते है जोकि उल्टी दस्त आदि की प्रोबलम में रामबाण ओषधि के रूप में सहायक होती है आप एक गिलास पानी के अंदर एक चमच शहद , 3 से 4 कालीमिर्च और लौंग , आधा चमच गिलोय ghanvati को मिलाकर उस पानी को पिलाने से उल्टी तुरंत रुक जाती है और मुहं भी बिलकुल साफ हो जाता है इसलिय आपको जब कभी भी उल्टी दस्त होने की समस्या परेशान करे तो आप इस आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल करे आपको तुरंत राहत मिलेगा |

7 . गिलोय के उपयोग से कब्ज की प्रोबलम ठीक होती है | Giloy Cure Acidity in Hindi

आपको जब भी कब्ज की समस्या हो तो आप गिलोय का चूर्ण इस्तेमाल करे यह आपकी कब्ज की प्रोबलम को बड़ी आसानी से दूर करने में लाभदायक होती है क्योकि इसमें इतने औषधीय गुण होते है जोकि भोजन की पाचन शक्ति को बढ़ने तथा चयापचय की क्रिया में वृद्धि करने में आपकी मदद करती है इसलिय आप सुबह और श्याम खाना खाने से पहले एक गिलास पानी के अंदर एक चमच गिलोय और उसमे निम्बू तथा आंवले का चुन मिलकर 3 से 4 दिन इस काढ़े का इस्तेमाल करते हो तो आपको बहुत ही फायदा होगा और जो अपच की प्रोबलम है उससे भी राहत पहुँचाने में आपकी सहायता करती है |

8 . बवासीर के उपचार में गिलोय के benefit

अगर आप पाइल्स या बवासीर जैसी खुनी बवासीर से परेशान है तो फ्रेंड्स आप एक बार गिलोय तथा रीठे का पानी जरुर इस्तेमाल करे यह आपकी खुनी बवासीर को दूर करने में एंटी ओक्सिडेंट की तरह कार्य करती है तथा खतरनाक बवासीर की बीमारी के निदान में बहुत ही फायदेमंद होती है यह आपके भोजन का अवशोषण करने तथा पेट के रोगों से लड़ने में एंटी बेक्टिरियल की तरह कम करती है इसलिय आप रोजाना सुबह खाली पेट गिलोय को दही या छाछ के साथ मिक्स करके पिने से आपको कुछ ही दिनों में बिलकुल आराम मिल जाएगा |

9 . पीलिया रोग के इलाज में गिलोय के फायदे

पीलिया एक खतरनाक बीमारी है इससे पीड़ित रोगी के नाख़ून , आँखे , तथा त्वचा का रंग पिला नजर आटा है यह बीमारी हमारे लीवर को प्रभावित करती है जिससे धीरे धीरे रक्त के साथ मिलकर खून का पानी बनाने में काफी तेजी से कार्य करती है लेकिन इसके लक्षण दिखाई देने के बाद तुन्त्र समय पर इलाज नही किया जाए तो यह आपकी बोडी को मृत्यु में बदलने में भी क्रिया करती है लेकिन आपको अगर पीलिय की समस्या है तो आप गिलोय का सेवन दही या छाछ के साथ नियमित रूप से करे यह आपके लीवर की डेमेज स्थति को वापिस रिकवर करने में काफी सहायक होती है तथा पेट के और भी रोग होते है उनको दूर करने में काफी सहायक होती है |

10 . गिलोय का उपयोग शुगर की बीमारी को ठीक करने में लाभदायक है

शरीर से मोटे तथा अत्यधिक मीठे का सेवन करने से आपको डायबिटीज की प्रोबलम हो जाती है ऐसे में आप गिलोय का इस्तेमाल कीजिय आपको अगले 15 से 20 दिनों में ही काफी ज्यादा फायदा देखने को मिलेगा यह गिलोय आपकी रक्त में शर्करा के स्तर को कण्ट्रोल करने तथा यह ब्लड में जो भी शुगर लेवल बढ़ा हुआ है उसको यूरिन के जरीय बाहर निकालने में काफी सहायक होती है इसमें विटामिन c और फाइबर के गुण होते है और फाइबर आपके लीवर तथा पाचन क्रिया एवं इम्युनिटी बढ़ने के अच्छे श्रोत माने जाते है इसलिय आप इसका उपयोग नियमित रूप करे

11 . गिलोय के आयुर्वेदिक औषधीय गुण गठिया रोग के उपचार में फायदेमंद है | Benefits of Giloy in Arthritis Treatment in Hindi

दक्षिण भारत में पाई जाने वाली गिलोय आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से भरपूर यह हमारे शरीर में गठिया बव , जोड़ो का दर्द , घुटनों का दर्द आदि को दूर करने में हर प्रकार से आपकी सहायता करती है इसमें एंटी ओक्सिडेंट तथा एंटी एम्फ्लेमेट्री के गुण प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते है जोकि महामारी हड्डियों एवं मसल्स में जोकि भी बेक्टीरिया या फंगस होते है उनको बड़ी आसानी से मारने में सहायक होती है क्योकि इसमें केल्शियम , मैग्नीशियम , मिनरल्स एवं आयरन के गुण मोजूद होते है जोकि हड्डियों को मजबूत बनाने में आपकी सहायता करते है |

12 . एनीमिया के उपचार में गिलोय के औषधीय गुण फायदेमंद है

एनीमिया जैसी खतरनाक बीमारी से अगर फ्रेंड्स कोई भी परेशान है तो आप गिलोय का इस्तेमाल करे यह आपकी इस बीमारी को जड़ से निकालने में बहुत ही फायदेमंद होती है इसमें जो एंटी ओक्सिडेंट तथा एंटी बेक्टिरियल के गुण होते है यह आपको एनीमिया तथा घेंघे जैसी बीमारियों के बचाव के काफी मदद करती है इसमें रक्त की शुद्धिकरण करने तथा बेक्टीरिया को मारने में आपकी मदद करती है आप एक चमच गिलोय तथा साथ में एक चमच शहद को मिलाकर उसे सुबह श्याम दोनों टाइम उपयोग करे यह आपकी काफी मदद करती है |

13 . ऑक्सीजन के स्तर में वृद्धि करने में पंतजलि गिलोय के फायदे

अभी इस कोरोना काल के चलते हर रोगी को ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट देखने को मिली है लगभग सभी रोगियों का ऑक्सीजन का स्तर बिलकुल डाउन हो गया जिसके कारण मृत्यु की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिला था लेकिन इन रोगियों को Giloy का सेवन करवाया जाए तो यह आपके ऑक्सीजन के लेवल को काफी बढ़ने में सहायता करती है क्योकि इसका कार्य है हमारे फेफड़ो में जमे बलगम या कफ तो तोड़कर बाहर निकालना जिससे फेफड़े अच्छी तरह से साफ होंगे तो ऑक्सीजन का स्तर अपने आप शरीर में वृद्धि करेगा इसलिय आप खाने में गिलोय का इस्तेमाल करे जिन रोगियों से गिलोय का इस्तेमाल किया है वे आज इस कोरोना महामारी से बच निकले और आज एक हेल्दी स्वास्थ्य के रूप में अपना जीवन बिता रहे है |

गिलोय के जूस के फायदे क्या है | giloy ke juice ke fayde

  • Giloy का जूस अगर आपको सर्दी झुकाम है तो आप रात को सोने से पहले एक गिलास दूध के अंदर एक चमच गिलोय का पावडर और इसमें आधा चमच दालचीनी पावडर मिलकर गर्म करके पिने से आपको बिलकुल आराम मिलेगा
  • इस जूस को आप खाने से पहले रोजाना करते हो तो आपकी पेट गैस , एसिडिटी , कब्ज , बदहजमी आदि की समस्या का समाधान हमेशा के लिय ठीक हो जाएगी
  • गिलोय के जूस का उपयोग हमारे शरीर की रोगप्रति रोधक क्षमता बढ़ने तथा रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है
  • अगर किसी बीमारी से ग्रसित होने के बाद आपकी इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो गई है तो आप गिलोय के जूस का उपयोग करे यह आपकी इम्युनिटी को बहुत जल्दी विकसित करने में मददगार है
  • गिलोय का जूस के पिने से आपको स्किन एलर्जी तथा इन्फेक्शन के बचाव से सहायता करता है
  • नियमित रूप से सुबह खाली पेट गिलोय के जूस के प्रयोग से आपको कभी भी ब्लड शुगर की समस्या नही होगी
  • सुबह खाली पेट गिलोय का जूस आपके रक्त की शुद्धिकरण करने में तथा खून को संक्रमण होने से बचाव करता है
  • Giloy का जूस आँखों की बीमारियाँ जैसे आँखों में जलन , खुजली , दिखाई देने की कमी अदि की पूर्ति करने में काफी असरदार है

गिलोय का सेवन कैसे करे | How to Use Giloy

गिलोय को आप दो तरीको से इस्तेमाल कर सकते है

1 . गिलोय का काढ़ा बनाकर

2 . गिलोय का जूस बनाकर

giloy का सेवन कितनी मात्रा में करना स्वास्थ्य के लिय लाभदायक होता है

गिलोय के फायदे – अगर आप नियमित रूपसे Giloy का काढ़ा या जूस को अपनाते है तो आप एक टाइम में 15 से 20 ग्राम से ज्यादा की मात्रा में उपयोग ना करे क्योकि अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से इसका गुण अवगुण में बदल जाते है जिसके कारण आपकी उल्टी दस्त की समस्या कर सकते है और ध्यान रहे इसका सेवन करते समय आपको ज्यादा तेल से बनी वस्तुओ का सेवन नही करना है और शराब का उपयोग भी आपके लिय नुकसान दायक हो सकता है |

गिलोय का जूस बनाने की विधि | How Much to Consume Giloy

Giloy हमारे शरीर में रोग प्रति रोधक क्षमता में लगातार बढ़ोतरी करने में काफी असरदार है इसके ओषधिय गुण इतने फायदेमंद है की यह कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी पर भी हावी है इसका जूस काफी लाभदायक है आप एक गिलास दूध के अंदर एक चमच गिलोय का पावडर और 4 पट्टी तुलसी , आधा चमच दालचीनी , आधा चमच शतावरी , 8 से 10 बादाम , 5 से 6 अखरोट , पिस्ता एक चमच इन सभी को मिलकर अच्छी तरह ग्राइंडर करके उसे सुबह नाश्ते के रूप में उपयोग करते है तो दोस्तों आपको यकीन नही होगा आपका चेहरे की लालिमा हर घंटे एक्टिव होगी और आपकी बोडी एनर्जी से भरपूर रहेगी हर घंटे आलस का नाम नही होगा इस्तनी इम्युनिटी बढाती है इसलिय आप इसका रोजाना इस्तेमाल करे तो ऐसी कोई भी बीमारी नही की वे आपकी बोडी में घुस जाए उस बीमारी को तुरंत ही ख़त्म करता है |

गिलोय के नुकसान क्या है | Side Effects of Giloy in Hindi

giloy खाने के नुकसान डायबिटीज रोग में

शुगर से पीड़ित व्यक्ति इसका खाने में उपयोग कम करे या बिलुकल ही ना करे तो ही बेहतर होगा क्योकि शुगर की बीमारी में खून में शर्करा का स्तर काफी मायने रखता है और Giloy शुगर की इस शर्करा के निचे लेवल को बढ़ने में सहायक होती है

गर्भवती महिलाऐं गिलोय का इस्तेमाल ना करे

छोटे बच्चो को भी गिलोय का इस्तेमाल ज्यादा मात्रा में नही करवाना चाहिय क्योकि अत्यधिक मात्रा में उपयोग करने से आपको स्किन इन्फेक्शन होने का खतरा काफी होता है |

गिलोय से समन्धित अक्षर पूछे जाने जाने वाले सवाल

प्रश्न 1 . गिलोय का सेवन कैसे करना चाहिय ?

उतर – इसक सेवन हमेशा खाली पेट या फिर रात को खाने के एक घंटे बाद करना चाहिय अगर आप झुकाम से पीड़ित है तो और ध्यान रहे एक साथ 20 ग्राम से ज्यादा इस्तेमाल ना करे |

प्रश्न 2 . गिलोय का उपयोग कब और कैसे करना चाहिय ?

उतर – गिलोय का इस्तेमाल सुबह खाली पेट और रात को खाना खाने के बाद और 20 ग्राम से अत्यधिक मात्रा में ना करे तो ही बेहतर हगा |

प्रश्न 3 . इम्युनिटी बढ़ने के लिय गिलोय का जूस कितने दिन पीना चाहिय ?

उतर – Giloy का जूस लगातार 30 से 40 दिनों तक पीना चाहिय तो ही सेहत को मजबूत बनाने में सहायता करेगा |

प्रश्न 4 . गिलोय को इंग्लिश में क्या कहते है ?

उतर – टीनोस्पोरा कार्दिफ्लोसिस के नाम से जाना जाता है जिसे hindi भाषा में संजीवनी भी कहा जाता है |

प्रश्न 5 . गिलोय की तासीर क्या है ?

उतर – Giloy की तासीर गर्म प्रक्रति की होती है इसे एक गिलास गर्म पानी में डालकर अच्छी तरह उबालने के बाद ही बने जाती है |

प्रश्न 6 . गिलोय का रस पिने से क्या फायदा होता है ?

उतर – इसके जूस पिने से बोडी की इम्युनिटी सिस्टम तथा रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाने में सहायता के साथ साथ एनी कई सारी बीमारियों के उपचार में भी बहुत फायदेमंद है |

प्रश्न 7 . गिलोय का देशी नाम क्या है

उतर – गुडूची , यतता अमृता , संजीवनी आदि |

प्रश्न 8 . गिलोय में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते है ?

उतर – इसमें बहुत से आयुर्वेदिक औषधीय गुण पाए जाते है जैसे केल्शियम , मैग्नीशियम , फास्फोरस , सल्फेट , विटामिन , प्रोटीन , जिंक , आयरन आदि तत्वों की प्रचुरता होती है |

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