Tulsi – तुलसी के फायदे और नुकसान क्या है ( What Are The Advantages and Disadvantages of Tulsi in Hindi ) हिन्दू धार्मिक ग्रंथो में तुलसी को पवित्र माना गया है हिन्दू धर्म के लोग अपने आंगन एवं बालकनी की शोभा बढ़ाने के लिय लगते है इसका पौधा 2 से 5 फिट तक झाड़ के समान ऊँचा होता है तुलसी के पत्ते हमारे स्वास्थ्य की बहुत सी बीमारियों को दूर करने में सहायता करता है इसका उपयोग आज से नही बल्कि हजारो साल पहले भी ऋषि मुनियों द्वारा चरक संहिता में भी तुलसी के फायदों के बारे में बताया गया है तुलसी के पाती मनुष्य जीवन की जैसे खासी झुकाम , पेट दर्द , छाती का कफ या बलगम को तोड़ने में , पेट विकार के सभी रोगों एवं श्वसन की क्रिया को बढ़ाने में बहुत ही फायदेमंद है |

तुलसी के फायदे और नुकसान क्या है
Benefits of tulsi in hindi | तुलसी के फायदे | तुलसी के फायदे और नुकसान क्या है | What Are The Advantages and Disadvantages of Tulsi in Hindi | Benefits of tulsi in hindi | तुलसी के उपयोग | the medicinal properties of tulsi in hindi | the benefits and uses of tulsi in hindi | तुलसी का उपयोग घरेलू उपचार में | Tulsi ke fayde or nuksan |
आयुर्वेद तुलसी के पत्तो एवं जड़ो के द्वारा अनेको ओषधियाँ बनाकर अनेको बीमारियों को दूर करता है फ्रेंड्स तुलसी हमारे दिअनिक जीवन की बहुत सी बीमारियों को दूर करता है इन सभी के बारे में आज के इस आर्टिकल में बताने वाले है इसलिय आप इस आर्टिकल को बड़े ध्यान के साथ देखना तुलसी के benefits बहुत है हम आज विस्तार से तुलसी के फायदे नुकसान दोनों पर चर्चा करेंगे |
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तुलसी क्या है | What is Tulsi in hindi | Tulsi kya hai
आयुर्वेदिक औषधि तुलसी का पोधा सूखे मरुस्थल वाले क्षेत्रो में उगने वाला झड़दार पोधा है इसकी लम्बाई 2 से 3 फिट होती है इसकी पतियों का आकार हृदय के समान कोमल एवं मुलायम पतियों के समान होता है आयुर्वेद में तुलसी के पोधे को बहुत ही किफायती पोधा बताया गया है इसका उपयोग स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिय अनेको ओषधियाँ बनाने में लिया जाता है तुलसी के पोधे में विटामिन्स , प्रोटीन , व् मिनरल्स के गुण भरपूर मात्रा में होते है यह हमारी बोडी में एनर्जी की मात्रा को बढ़ता है तथा कई प्रकार के रोक विकारों को दूर करने में सहायता करता है
तुलसी हमारी बोडी के एंटी बेक्टिरियल तथा एंटी ओक्सिडेंट का काम करता है इसकी पत्तियां एवं जड़े अनेको प्रकार की ओषधियाँ बनाने में प्रयोग की जाती है इसका प्रयोग स्वास्थ्य समन्धि रोगों के साथ साथ धार्मिक पूजा अनुष्ठान में भी इस्तेमाल किया जाता है तुलसी के गुणों का बखान हमारे धर्म गर्न्ठो में चरक संहिता एवम वेद गर्न्ठो में भी विस्तार से वर्णन किया गया है जो आज भी प्रयोग किया जा रहा है |
भाषाओ के आधार पर तुलसी के नामकरण | Names of Tulsi on The Basis of Language in Hindi
- हिंदी में – तुलसी , वृंदा
- अंग्रेजी में – tulsi
- तमिल में – तुलशी
- उड़िया में – तुलसी ( tulasi )
- गुजराती , बंगाली , और नेपाली में – तुलसी ( tulsi )
- कन्नड़ में – एरेड तुलसी ( ared tulasi )
- मराठी में – तुलस (tulas ) तुलसी को इत्यादि नामो से जानते है |
तुलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व क्या है | What are the nutrients found in basil in hindi
Tulsi – तुलसी के पोधे की पतियाँ एवं जड़ो में बहुत से एंटी ओक्सिडेंट के गुण मोजूद होते है इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व होते है जैसे आयरन के गुण , विटामिन्स , मिनरल्स , तथा अनेको खनिज लवण होते है जो हमारी बोडी की सुरक्षा के लिय बहुत ही फायदेमंद होते है तुलसी की पत्तियों में विटामिन c की मात्रा होती है जो हमारी त्वचा की सुन्दरता को बरक़रार रखती है और मिनरल्स आपके रक्त प्रवाह की दर को बनाए रखने में सहायता करते है तथा खनिज पदार्थ एवं विटामिन्स जो हमारी हड्डियों एवं मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है हड्डियों की सुरक्षा के लिय केल्शियम , पोटेशियम तथा मैग्नीशियम तत्वों की मोजुदगी होना जरुरी है और यह सब तुलसी के पोधे में काफी मात्रा में प्रचुर होती है
तुलसी के पत्तियों का रस हमारी बोडी को एंटी बेक्टिरियल एवं एंटी फंगल का काम करती है जिससे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायता मिलती है |
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तुलसी की प्रमुख प्रजातियाँ | Major Varieties of Basil in Hindi
तुलसी को प्रजातियों के आधार पर भी कई प्रकार के वर्गीकरण किए गए है इसमें दो प्रजातीय हमारे दैनिक जीवन में हमारे स्वास्थ्य के लिय बहुत ही उपयोगी माना गया है लेकिन पहले हम आपको तुलसी की जो विशेष प्रजातियाँ है उनके बारे में चर्चा करे
- ओसिमम सैक्टाम
- ओसिमम वेसिलिकम
- ( Tulsi )ओसिमम वेसिलिकम मिनिमम
- ओसिमम ग्रेतिसिकम ( वन की तुलसी , जंगल की तुलसी भी कहा जाता है )
- ( tulsi ) ओसिमम अमेरिकम ( जिसे काली तुलसी भी कहा जाता है )
- ओसिमम विरिडी |
तुलसी में कौनसे रासायनिक गुण पाए जाते है | What are the chemical properties found in tulsi in hindi ?
Tulsi – हमारी बोडी मीनती ओक्सिडेंट एवं एंटी बेक्टिरियल का काम करती है इसमें विटामिन c तथा जिंक पोटेशियम , मैग्नीशियम के गुण मोजूद होते है जो की हमारी त्वचा के फंगल इन्फेक्शन के साथ – साथ पेट के रोग विकार को दूर करने में मदद करती है आयुर्वेद के अनुसार तुलसी के पोधे में 70 % युजिनोल की मात्रा होती है तथा 20 % युजिनोल मिथाइल ईथर पाया जाता है और 10 % कार्वाकोलकी मात्रा मोजूद होती है
जोकि हमारी बोडी की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है और शरीर के अंदर जितने भी बेक्टीरिया है उनको मारने में सहायता करती है तुलसी की पत्तियों में विटामिन c की मात्रा भी होती है जो त्वचा की देखभाल करती है तथा फंगल इन्फेक्शन से बचाव करती है तुलसी की पत्तियों का तेल भी होता है जोकि घुटनों एवं जोड़ो के दर्द तथा दांतों एवं मसुडो के दर्द के लिय भी बहुत ही फायदेमंद होता है आयुर्वेद की सभी दवाइयों में तुलसी का बहुत अहम योगदान है |
तुलसी के ओषधिय गुण क्या है | What are the medicinal properties of tulsi in hindi
हमारे हिन्दू समाज में तुलसी के पोधे को पूजनीय माना गया है तुलसी की पूजा हर घर में की जाती है क्योकि तुलसी हिन्दू समाज में एक पवित्र पौधा माना गया है यह पूजनीय होने के साथ -साथ इसके ओषधिय गुण भी बहुत है आयुर्वेद की सभी ओषधियों में तुलसी का प्रयोग काफी किया गया है क्योकि तुलसी के पत्तियों का इस्तेमाल सर्दी झुकाम , दांतों के दर्द , मसूड़े के दर्द , श्वसन की दर को बढ़ाने एवं छाती के कफ या बलगम को बाहर निकालने में तुलसी की पत्तियों का रस बहुत ही बेस कीमती बताया गया है |
तुलसी के फायदे और उपयोग क्या है | What are the benefits and uses of tulsi in hindi
Tulsi – तुलसी के फायदे और नुकसान क्या है के पौधे को उपयोग की दृष्टि से देखे तो इसकी पत्तियां हमारे शरीर के लिय बहुत ही उपयोगी है इसका इस्तेमाल हम सर्दी झुकाम छाती कफ या बलगम , दांतों एवं मसुडो के दर्द एवं श्वसन की दर को बढ़ाने तथा रक्त चाप को control करने तथा डायबिटीज , मोटापा , कोलेस्ट्रोल लेवल को control करने तथा ऐसे अनेको बीमारियों को दूर करने में सहायता करती है तुलसी की पत्तियों के साथ साथ इसके बिज और जड़े भी इतनी ही उपयोगी है जितनी इसकी पत्तियां है
जो हमारे पेट के रोग विकार जैसे गैस , कब्ज , भूख न लगना , अल्जीमर होना उल्टी दस्त , खाना पचाने एवं डायजेशन के सिस्टम को control करने में तुलसी के बिज बहुत ही फायदेमंद है तुलसी के पत्तियों का रस सुबह एक गिलास पानी के साथ पिने से पेट के बहुत से रोग होता है या बेक्टीरिया होते है उन सबको मारने में सहायता करता है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है |
शरीर की रोग प्रति रोधक क्षमता को बढाती है तुलसी | Basil Increases The Immunity of The Body in Hindi
Tulsi के एंटी ओक्सिडेंट के गुण हमारी बोडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है कहते है की तुलसी की पत्तियों का रस सुबह एक गिलास पानी के साथ उबालकर पिने से शरीर में जितने भी बेक्टिरियल है उनको मारने में सहायता करताहै जिससे भूख बढ़ाने में सहायता करता है तथा भोजन को पचाने में भी सहायता करता है तुलसी की पत्तिय गर्म प्रकृति की होने के कारण हमारे शरीर में गर्मी पैदा करती है जिससे शरीर इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होने की स्थति में पत्तियों को आप सीधा चबाकर भी उपयोग में ले सकते है या रस निकालकर भी उपयोग में ले सकते है यह विटामिन c का अच्छा स्रोत है जो त्वचा के अंदर फंगल इन्फेक्शन है उनको बढ़ने से रोकता है
समय पर महिलाओ को पिरियड न आने की स्थति में तुलसी का इस्तेमाल
Tulsi – अनियमिता अक्सर महिलाओ में देखने को मिलती है हर बार कभी महिना के लास्ट दिन पीरियड्स आते है तो कभी कभार 25 दिनों पर ही शुरूहो जाते है ऐसी स्थति भारत की बहुत सी महिलाओ को होती है ऐसे में फ्रेंड्स आप तुलसी की पत्तियों को सुबह श्याम दोनों वक्त पानी या गर्म दूध के साथ 3 से 4 पत्तियां पीसकर मिलकर पिने से आपकी यह समस्या दूर हो सकती है फ्रेंड्स ध्यान रहे यह विधि सभी महिलाओ को लागु नगी है क्योकि कई बार महिलाओ के पीरियड्स की जगह ज्यादा ब्लीडिंग होने का खतरा भी होता है
क्योकि तुलसी की पत्तिय अत्यधिक गर्म प्रक्रति का पौधा है जो बोडी के अंदर तापमान को बढ़ाने में मदद करता है जिससे महिलाओ को ब्लीडिंग भी हो सकती है ऐसा नही है की तुलसी अनियमिता के दोष में काम नही करता नही फ्रेंड्स काम तो करता है मगर सभी महिलाओ का श्रीर्समन नही होता है ऐसे में आप doctor से सलाह जरुर लेना चाहिय
सर्दी – झुकाम होने पर तुलसी कारगर है
सर्दियों के मौसम में लोगो को सर्दी झुकाम हो जाती है जिससे शरीर की ( ऊर्जा ) एनर्जी बिलकुल कम हो जाती है और छाती में कफ या बलगम जमना शुरू हो जाता है जिससे आपको खाने में भूख नही लगती है ऐसी परिस्थति में आप तुलसी की पत्तिया , अदरख , लौंग , कालीमिर्च , और शहद इन सभी मिश्रणों को आपस में मिलाकर एक पतीले में डालकर अच्छी तरह से उबालना है |
इस काढ़े को इतना उबालना है की पानी एक गिलास की बजाय एक कप पानी ही बचे उस पानी को छानकर रात को सोने से पहले इस काढ़े को पिने से आपकी सर्दी ओपर झुकाम अगले दो दिनों के अंदर चली जाएगी क्या है की तुलसी की पत्तियों में एंटी ओक्सिडेंट के गुण होते है जोकि आपके बलगम को पटल करता है और श्वसन की क्रिया को बढ़ाने में मदद करता हैजिससे आपके मलद्वार द्वारा या मूत्र मार्ग से बाहर निकालने में मदद करता है |
दांतों एवं मसुडो की तकलीफ को दूर करती है तुलसी
आज हमारे देश में बहुत से लोग दांतों एवं मसुडो को लेकर बहुत परेशान है दांतों में कीड़े एवं पायरिया नामक रोग हो जाता है जिससे दांतों में तेज झनझनाहट वाला दर्द होता है तथा मसूड़े से खून निकलता है ऐसी स्थति होने पर आप तुलसी की पत्तियों का रस दांतों पर एवं मसुडो में लगाने से दांतों की केविटी एवं कीड़ो को मारने में तुलसी काफी फायदेमंद है क्या है की तुलसी दांतों के लिय एंटी बायोटिक एवं एंटी ओक्सिडेंट के गुण होते है जोकि मुंह के कीड़े एवं बदबू को आने से रोकती है आप तुलसी की पत्तियों को सुबह श्याम चबाकर ऊपर से पानी पिए जिससे पेट एवं मुंह के बेक्टीरिया को मारने में सहायता करती है |
चोट एवं घाव को भरने में तुलसी फायदेमंद है
आप तुलसी के पत्तो को रगड़कर घाव या चोट वाले स्थान पर लेपन करने से घाव जल्दी ठीक हो जाते है क्या है की तुलसी के एंटी बेक्टिरियल के गुण त्वचा पर घाव में जो बेक्टीरिया होते है उनको मारने में सहायता करता है तथा जो भी धुल मिटटी से घाव पर कीड़े या मवाद पड़ने से रोकने में काफी फायदेमंद है तुलसी के एंटी ओक्सिडेंट के गुण हमारे स्वास्थ्य के लिय बहुत ही लाभदायक है |
तुलसी का रस कान दर्द में राहत देता है
कई बार छोटे बच्चो के कान दर्द होने लगता है क्या है की कान के अंदर बेक्टीरिया हो जाते है जिससे कान कडकना शुरू हो जाता है ऐसे में आप तुलसी की पत्तियों को बलिक रगड़कर उसके रस को निचोड़कर उसकी 2 – 2 बुँदे कान में डालने से कान का दर्द कुछ ही समय में दूर हो जाता है क्योकि तुलसी के अंदर एंटी बेक्टिरियल तत्व होता है जी दर्द से राहत पहुँचाने में मदद करता है |
वजन कम करने में तुलसी के पत्तो का योगदान
तुलसी के पत्तो को शहद के साथ नियमित रूप से सुबह खली पेट उबालकर पानी पिने से आपके पेट की फालतू चर्बी को पिघलाकर पसीने के रूप में बाहर निकालने में सहायता करता है और शरीर में पाचन तन्त्र को मजबूत करने में सहायत करता है और एंटी बेक्टिरियल के गुण त्वचा समन्धि जो भी रोग विकार है उनको दूर करने में सहायता करता है तुलसी के पत्तियों में एंटी ओक्सिडेंट के गुण शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है तथा जिससे शरीर की बेली फेट को तेजी से घटाने में सहायता करता है तथा त्वचा का निखार करने में मदद करता है |
सिर दर्द से आराम पाने में तुलसी के फायदे
कई बार कठिन परिश्रम या ज्यादा नींद निकालने से आपको सिर दर्द की समस्या हो जाती है लेकिन फ्रेंड्स सिर दर्द को आप कुछ ही समय में बिलकुल ठीक कर सकते है आप एक गिलास पानी के साथ तुलसी की पत्तियों को उबालकर और उसमे चाय पट्टी को डालकर एक चमच चीनी मिलकर उसे पिने से सिर का दर्द काफी जल्दी ठीक हो जाता है
हृदय रोग को दूर करने में तुलसी के फायदे
हमारे शरीर का संचालन हृदय के द्वारा ही होता है और हृदय की गति रक्त के सही प्रवाह के कारण से ही होता है रक्त जब गाढ़ा हो जाता है तो हृदय में रोग विकार उत्पन्न हो जाते है जिससे सिने में जलन एवं खान पान में कमी हो जाती है जी मचलने लगता है तो एसे में आप तुलसी की पत्तियों का रस पानी के साथ सुबह सुबह खली पेट पिने से हृदय समन्धि जितने भी रोग विकार होते है उन सभी से छुटकारा दिलाने में तुलसी का रस काफी फायदेमंद होता है इसका सेवन करने से रक्त का गाढ़ापन नही होगा रक्त पतला रहेगा |
जिससे धमनियों एवं शिराओ में रक्त का प्रवाह अच्छी तरह से होगा जिससे रोग उत्पन्न नही होंगे क्योकि तुलसी हमारी बोडी में एंटी ओक्सिडेंट तथा एंटी बेक्टिरियल का काम करती है जो हृदय समन्धि सभी प्रकार की समस्या को दूर करती है |
गले की खराश को दूर करने में तुलसी फायदेमंद है
सर्दी झुकाम या ठंडा चिकना खाने से गल्ले से बोलने एवं खाने में तकलीफ होती है तो आप तुलसी के पत्तो को चबाकर खाने से या फिर पत्तियों को पानी में उबालकर तुलसी के पानी से गरारा करने से गल्ले की खराश दूर करने में सहायता करता है क्या है की सर्दी झुकाम या ठंडा खाने से गल्ले में कफ जैम जाता है जिससे फेफड़े अच्छी तरह से खुले हुए नही होते है जिसके कारण गल्ले में खराश एवं खिचखिच की प्रोबलम हो जाती है तब यह घरेलू नुश्खा आप प्रयोग कीजिए आपको अगले 2 दिनों के अंदर ही फायदा मिल जाएगा |
पेट की मरोड़ एवं डायरिया रोग से बचने में तुलसी का योगदान
गर्मियों के मौसम में हमारे खान पान में बदलाव की वजह से पेट में गैस या कब्ज की समस्या हो जाती है जिससे पेट दर्द या मरोड़ की समस्या हो जाती है ऐसे में आप कालीमिर्च , लौंग और तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी को दिन में 3 से 4 बार पिने से पेट के सारे कीड़े एवं बेक्टीरिया एवं डायरिया की समस्या को जड़ से दूर करने में सहायता करता है तुलसी कीन्ति ओक्सिडेंट के गुण हमारे पेट के रोग विकार को दूर करने में सहायता करते है तथा एंटी बेक्टिर्यल का कार्य करते है जिससे पेट के सभी रोग दूर करने में सहायता करते है
पाचन तन्त्र को मजबूत बनाने में तुलसी के फायदे | Benefits of Tulsi in strengthening the digestive system in hindi
गलत खान पान की वजह से भोजन का पाचन नही हो पता है जिससे पेट की कब्ज एवं एसिडिटी की प्रोबलम हो जाती है जिससे पेट दर्द और पाचन तन्त्र काम करना बंद हो जाता है जिसे भूख लग्न बंद हो जाता है ऐसे में आप तुलसी की पत्तियों को सुबह खली पेट गुनगुने पानी के साथ पिने से या फिर आप खाना खाने के बाद तुलसी की 3 से 4 पतियों को चबाकर खाने से खाने को पचाने में सहायता करता है जिससे आपको बदहजमी एवं अपच की समस्या नही होगी और खाने का पाचन भी अच्छी तरह से होगा |
गुर्दे की पथरी को निकालने में तुलसी का उपयोग
गुर्दे की पथरी 5 mm से कम साइज़ की है तो आप नियमित रूप से तुलसी के 5 से 6 पत्तियों को निम्बू पानी के साथ रोजाना सुबह श्याम पिने से आपकी पथरी पिघलकर मूत्र मार्ग या अन्य द्वार से बाहर निकल जाएगी और किडनी स्टोन को बिलकुल साफ कर देगी जिससे आपको पेट दर्द की समस्या नही होगी आपको अच्छी तरह से काम करने में कोई भी परेशानी नही होगी
चेहरे की त्वचा को सुंदर बनाने में तुलसी का इस्तेमाल
आप चेहरे के दाग धब्बे एवं फुन्सिया किल मुंहासे आदि की प्रोबलम से परेशान है तो फ्रेंड्स आप तुलसी की पत्तियों को निम्बू और शहद के साथ मिक्स करके एक पेस्ट बनाकर उस पेस्ट को रात को सोने से पहले चेहरे की डेड स्किन पर लगाने से चेहरे के दाग धब्बे बिलकुल दूर हो जाएँगे और चेहरे का निखार भी आएगा और चेहरे की चमक और ग्लो देखने को मिलेगा इस पेस्ट को आप अगले 10 से 15 दिनों तक लाने से चेहरे की सुन्दरता वापिस बच्चे की तरह चमकना शुरू हो जाएगी |
मधुमेह के उपचार में तुलसी का प्रयोग | Use of basil in the treatment of diabetes in hindi
मधुमेह के रोगी को मीठा खाने की अनुमति डोक्टर बिल्कल नही देता है उस मरीज को सुबह श्याम तुलसी की पत्तियों को चबाकर एवं पिस्ताक्र जूस बनाकर पीना उनके स्वास्थ्य के लिय बहुत ही फायदेमंद होता है क्या है की तुलसी गर्म प्रक्रति का पौधा है जो हमारी बोडी में एंटी बायोटिक एवं एंटी ओक्सिडेंट का काम करता है जो आपके कोलेस्ट्रोल लेवल का मान control करता है जिससे धीरे धीरे उसकी डायबिटीज में सुधार होगा |
तुलसी की पत्तियों के नुकसान | Disadvantages of Basil Leaves in Hindi
फ्रेंड्स तुलसी के फायदे अनेक है परन्तु फायदे के साथ साथ नुकसान भी होते है तुलसी का उपयोग सही मात्रा में एवं बताए जाने के बावजूद अगर आप खाने में इसकी मात्रा को बढ़ाते है तो आपको स्की इन्फेक्शन होने का खतरा होता है तथा पैशाब एवं गुदा द्वार में जलन हो सकती है इसलिय आप तुलसी की पत्तियों को ज्यादा मात्रा में एक साथ उपयोग में ना ले और एक स्वस्थ व्यक्ति को तुलसी का इस्तेमाल 1 या 2 पतियों तक ही करे इससे ज्यादा मात्रा में उपयोग में लेने से आपको पेट दर्द जैसी कई समस्या हो सकती है
सुबह श्याम खली पेट तुलसी की पत्तियों का जयादा सेवन करने से रक्त काफी पटल हो सकता है जिससे रक्त का स्राव अत्यधिक होने लगता है जिससे ब्लड का प्रेशर बढ़ने ई सम्भावना होती है
ज्यादा मात्रा में तुलसी के पत्तो का उपयोग करने से चेहरे पर किल मुंहासे एवं फुन्सिया हो सकती है
Most Popular Question and Answere
प्रश्न 1 . (basil) तुलसी के उपयोग क्या है ?
उतर – Tulsi हमारी सेहत को बनाए रखने में बहुत फायदेमंद है तुलसी के लगातार सेवन करने से सर्दी झुकाम एवं दांतों के दर्द से राहत पाने में तुलसी की पत्तियों का रस काफी फायदेमंद होता है
प्रश्न 2 . तुलसी का रस पिने से क्या फायदा है ?
उतर – अगर आप सर्दियों के मौसम में सर्दी झुकाम से परेशान है तो आप तुलसी की पत्तियों के रस को निम्बू के रस और शहद के साथ मिलकर उसे चटने से आपकी छाती का कफ या बलगम को पतला करने में सहायता करता है तथा तुलसी के एंटी ओक्सिडेंट के गुण आपकी झुकाम को जल्दी से दूर करने में सहायता करता है
प्रश्न 3 . घर में कौन सी तुलसी लगानी चाहिय ?
उतर – हिन्दू धार्मिक समाज में तुलसी के पौधे को पवित्र माना गया है तुलसी को भगवन का दर्जा दिया जाता है इसकी पूजा भी हिन्दू समाज में की जाती है इसे घर के आंगन एवं मुख्य द्वार पर विराजमान किया जाता है जिससे घर की सुन्दरता को चार चाँद लगाती है घर इ आंगन में घहरे काले रंग की पत्तियों को सुभ माना जाता है परन्तु आप दोनों में से कोई भी तुलसी मिले सबका समान रूप से योगदान होता है
प्रश्न 4 . सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते खाने के फायदे
उतर – नियमित रूप से सुबह और श्याम खली पेट तुलसी की पत्तियों को चबाकर खाने से पेट के सभी रोग विकार दूर किय जाते है तथा डायबिटीज जैसी बीमारियों एवं हृदय समन्धि रोगों से लड़ने में काफी सहायता करती है क्योकि तुलसी हमारे शरीर में एंटी ओक्सिडेंट एवं एंटी बायोटिक का काम करती है
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